पुणे – कोरेगांव-भीमा में 1 जनवरी के हुए हिंसा के मामले में एक हफ्ते के बाद पुलिस ने पहली कारवाई की है. इस मामले में १२ लोगों को गिरफ्तार किया गया है. जिसमें से ९ लोगों को दो दिनों की पुलिस कस्टडी सुनाई गई है, बाकी गिरफ्तार किए गए तीन लोग नाबालिग हैं.
यह सभी आरोपी कोरेगांव-भीमा, सणसवाडी और कोंढापुरी इन ती गांवों के हैं. दोनों गुटों के व्यक्तियों का आरोपी के रूप में समावेश होने की जानकारी पुलिस द्वारा दी गई है. यह घटना काफी संवेदनशील होने की वजह से १२ आरोपियों के नाम पुलिस ने बताए नहीं हैं. गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पुलिस कड़ी पूछताछ कर रही है. इस दंगे के पीछे कौन है? और किसके कहने पर यह दंगा भड़काया गया. इसकी जांच पुलिस कर रही है.
हफ्तेभर के बाद १२ लोगों को गिरफ्तार करने के बावजूद पुलिस इस मामले में और भी जांच कर रही है. पुलिस सीसीटीवी के जरिए आरोपियों की पहचान कर रही है. जो दोषी पाए जाएंगे उनका गिरफ्तार किया जाएगा.
क्या था पूरा मामला
1 जनवरी को कोरेगांव भीमा में रणसंग्राम को 200 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर विजय दिन मनाया जा रहा था. उसी दौरान कोरेगांव-भीमा गांव के परिसर में दो गुटों में वाद विवाद हो गया और यह वाद विवाद ने दंगा का स्वरुप ले लिया था. जिसमें दो गुटों में काफी मारामारी, गाड़ियों की तोड़फोड़, गाड़ियां जलाना और पथराव की घटना घटी थी. इस हिंसा में एक युवक की मौत भी हो गई थी.