गुणवंती परस्ते
पुणे – महाराष्ट्र में एक बार फिर किसानों द्वारा राज्यव्यापी आंदोलन किया जाएगा. यह आंदोलन पिछली बार की तरह और भी ज्यादा आक्रामक हो सकता है. इस बार के आंदोलन ने ज्यादा आक्रामक रूप लिया तो इसके लिए सरकार ही जिम्मेदार होगी. यह घोषणा शेतकरी आक्रोश कृती समिती ने आज पुणे में आयोजित पत्रकार परिषद के दौरान की. संस्था के सदस्य शांताराम कुंजीर ने बताया कि यह सरकार बहुत झूठी है, किसानों के कर्जमाफी को लेकर काफी झूठे आश्वासन दिए हैं. सरकार द्वारा किसानों की मांगों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया जा रहा है. कर्जमुक्ती के मामले में भी सरकार टालमटोल कर रही है.
जिसके विरोध में महाराष्ट्र के किसानों द्वारा एक बार फिर से अनिश्चितकालीन आंदोलन करने का निर्णय लिया है. यह आंदोलन 2 नवंबर से पूरे राज्य भर में किया जाएगा. जिसमें महाराष्ट्र के 100 से ज्यादा गांवों के किसान द्वारा शामिल होने की जानकारी भी दी गई. इस आंदोलन में पुणे जिले, अहमदनगर जिले, नाशिक जिले और धुले जिले के गांव शामिल होंगे. ज्यादा से ज्यादा किसान इस आंदोलन में शामिल होने की अपील इस दौरान की गई. साथ ही संस्था के सदस्यों ने कहा कि हमारा इरादा तो शांति मार्ग के जरिए आंदोलन करने कहा है, लेकिन किसानों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो हम खेती उत्पादन का कोई भी सामान मार्केट में नहीं पहुंचने नहीं देंगे. अगर यह आंदोलन उग्र होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी सिर्फ सरकार की होगी. महाराष्ट्र में दिन पर दिन किसानों द्वारा आत्महत्या करने की संख्या बढ़ती जा रही है, जिसपर सरकार का बिल्कुल भी ध्यान नहीं है. इस आंदोलन में बहुत सी किसानों से जुड़ी संस्थाएं शामिल हो सकती है.