गुणवंती परस्ते
पुणे – मां नहीं बन पाने के सुख से वंचित होने की वजह से और दो बार गर्भपात होने की वजह से एक महिला ने खुद के गले पर तेज धार हथियार से वार करके आत्महत्या कर ली. इस घटना से पूरे परिवार में शोक की लहर फैल गई है. महिला ने इसलिए आत्महत्या की, क्योंकि वो मां नहीं बन पा रही थी. दो बार गर्भपात होने की वजह से महिला काफी टेंशन में थी. उसने मां बनने की उम्मीद छोड़ दी थी जिसके चलते उसने आत्महत्या करने जैसा संघिन्न कदम उठाया.
पुणे के गणेश पेठ के भामा सेंट्रल सोसायटी में यह घटना घटी. इस घटना में सोमा जाना नामक महिला ने अपना गला काटकर आत्महत्या की है. इस मामले में उसके पति बाप्पादित्य जाना ने फरासखाना पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया है. पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार बाप्पा और सोमा की शादी को तीन साल हो गए थे. दोनों मूल रूप से रहनेवाले पश्चिम बंगाल के हैं, बाप्पा पुणे में 6 साल पहले नौकरी के सिलसिले में आया था, पुणे के एक सोनार की दुकान में सोनार का काम करता था. सोमा और बाप्पा की शादी नवंबर 2014 में हुई थी. बाप्पा की पत्नी सोमा सास ससुर के साथ पश्चिम बंगाल में ही रहती थी. सोमा कुछ ही महीने पहले पुणे आयी थी. सोमा के पेट में 6 हफ्ते का गर्भ था, लेकिन प्रेग्नेसी को लेकर कुछ दिक्कतें आ रही थी. सोमा इससे पहले भी गर्भवती हुई थी, लेकिन सोमा का गर्भपात हो गया था. दूसरी बार गर्भवती होने के बाद सोमा काफी खुश थी लेकिन 6 हफ्ते का गर्भ ठहरने के बाद सोमा को रक्त स्त्राव हो रहा था, जिसके चलते दोनों पति पत्नी डॉक्टर के पास गए थे. डॉक्टर ने सारे मेडिकल जांच किए थे और दवाईयां दी थी. दो दिन बाद दोनों पति पत्नी अपनी मेडिकल रिपोर्ट दिखाने आए थे. रिपोर्ट देखकर डॉक्टर ने सोमा और बच्चे की स्थिती नाजुक बताते हुए ऑपरेशन करने को कहा था. जिसकी वजह से सोमा काफी निराश हो गई थी. जब बाप्पा अपने काम से दुकान चला गया तो निराशा के चलते सोमा ने खुद का गला रेत कर आत्महत्या कर ली.
बाप्पा का भाई सुबेंधु जाना उनके घर पर दो टाइम का खाना खाने के लिए आता था और पास के मकान में किराए से रहता था. रात को भोजन के वक्त वो अपने बड़े भाई बाप्पा के घर गया था. सुबेंधु ने काफी दरवाजा खटखटाया पर सोमा ने दरवाजा नहीं खोला और काफी कॉल भी किए पर सोमा ने जब फोन नहीं उठाया तो उसने जाकर अपने भाई बाप्पा को बताया कि शायद भाभी सो रही हैं. भाभी ने दरवाजा नहीं खोला. फिर दोनों साथ में घर आए और काफी देर तक दरवाजा खटखटाया. लेकिन जब सोमा ने दरवाजा नहीं खोला तो दोनों काफी घबरा गए. आस पड़ोसवालों की मदद से घर का दरवाजा तोड़कर घर के अंदर दाखिल हुए तो सोमा खून से लथपथ बेहोशी की अवस्था में पायी गई. तुरंत इलाज के लिए हॉस्पिटल में भरती कराया गया, लेकिन सोमा की तब तक मौत हो चुकी थी.