पुणे – तलेगांव दाभाडे नगरपरिषद के पूर्व शहर अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी के पूर्व शहर के अध्यक्ष सचिन शेलके हत्या मामले में राज्य सरकार ने उज्जवल निकम की विशेष सरकारी वकील के रूप में नियुक्ति की है। 2016 में कुख्यात गुंडा शाम दाभाडे और उसके 21 साथीदारों ने मिलकर सचिन शेलके की बेरहमी से हत्या कर दी थी। उसके बाद सचिन शेलके का भाई संदीप शेलके ने राज्य सरकार से इस मामले में विशेष सरकारी वकील की नियुक्ती की मांग की थी।
इस मामले में सुनवाई फिलहाल विशेष मोका न्यायालय के सामने प्रलंबित है, इस मामले की गंभीरता को ध्यान में रखकर शेलके परिवार ने विशेष सरकारी वकील नियुक्त करने की मांग की थी। सचिन शेलके के भाई व तलेगांव दाभाडे नगरपरिषद के पार्षद संदीप शेलके ने तीन महीने पहले ही राज्य सरकार को सरकारी वकील के लिए आवेदन किया था। यह मामला काफी गंभीर है, इस मामले में एक कुख्यात गैंग के सदस्यों का समावेश है और प्रशासन पर राजनीतिक और बाकी दबाव भी हैं। इसलिए इस मामले में जल्द ही सुनवाई हो और न्याय मिले इसलिए सरकारी वकील उज्जवल निकम की नियुक्ती करने का आवेदन राज्य सरकार के पास संदीप शेलके ने किया था।
नगरपरिषद के चुनाव के दौरान सचिन शेलके कार से जा रहे थे, 16 अक्टूबर 2016 को खांडगे पेट्रोल पंप के सामने कुख्यात गुंडा शाम दाभाडे व उसके 21 साथीदारों ने हमला किया था। उस दौरान पहले उनपर फायरिंग की गई थी और उसके बाद तेज हथियार से वार करके बेरहमी से हत्या करके सभी फरार हो गए थे। बोतल में पानी सप्लायी करने को लेकर वाद विवाद के चलते अप्रैल 2013 में शेलके के पिता और भाई के ऊपर श्याम दाभाडे ने अपने साथीदारों के साथ मिलकर खूनी हमला किया था। उस दौरान सचिन शेलके ने शाम दाभाडे और बंटी दाभाडे के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवायी थी। उसके बाद से सचिन शेलके को जान से मारने की धमकी दी जा रही थी। सचिन शेलके की हत्या करने के बाद उनके खिलाफ कोई गवाही नहीं देगा और साथ ही उनकी दहशत की वजह से उनके पिता और भाई भी गवाह नहीं देंगे। इस उद्देश्य से 16 अक्टूबर को सचिन शेलके की कार में बैठकर ऑफिस जाते समय खांडगे पेट्रोल पंप के सामने फायरिंग की गई थी, उसके बाद उनकी कमर में लगे पिस्तौल को भी आरोपियों ने निकाल लिया था और तेज हथियार से वार करके शेलके की हत्या कर दी गई थी। हमले के दौरान शेलके के कपड़े भी आरोपियों ने निकाल दिए थे। शाम दाभाडे को आरटीआई कार्यकर्ता सतीश शेट्टी के हत्या मामले में भी गिरफ्तार किया गया था। कुछ समय वो इस मामले में जेल में भी था। उसके बाद सचिन शेलके की हत्या करने के बाद फरार हो गया था। पुणे ग्रामीण पुलिस की स्थानिक अपराध शाखा को शाम दाभाडे और उनके साथीदार धनंजय शिंदे यह दोनों चाकण के पास वरसई के पवनचक्की के पहाड़ में छुपे होने की जानकारी मिली थी। उसके बाद 29 नवंबर 2016 को जब पुलिस ने पहाड़ी को घेर लिया, तो दोनों ही मुठभेड़ में मारे गए थे।