पुणे – चोरी की गाड़ी में आर्मी लिखवाकर, लोगों को लिफ्ट देने के बहाने लूटनेवाली गैंग को पुणे पुलिस की क्राइम ब्रांच ने आखिरकार धर दबोचा. यह गैंग ने पिछले कुछ दिनों से शहर में आतंक मचा रखा था, राहगीरों को लिफ्ट देने के बहाने गाड़ी के अंदर चाकू और हथियार का धाक दिखाकर लोगों को लूट लिया करते थे. इस गैंग में खूंखार और शातिर आरोपियों ने जेल के अंदर ही अपनी गैंग बना ली थी, अपने अपराध की सजा भोग रहे आरोपियों ने जेल में ही दोस्ती करके इन वारदात को अंजाम दिया. पुणे पुलिस की क्राइम ब्रांच युनिट 3 ने इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. यह जानाकारी पुणे पुलिस उपायुक्त (क्राइम) पंकज डहाणे ने पत्रकार परिषद में दी.
इस मामले में पुलिस ने अशोक गणपत बनसोडे (उम्र 34), मोहसीन आयुब पठाण (उम्र 27), आरबास युनूस पठाण (उम्र 26), मुकेश कांतीलाल चव्हाण, निखिल रविंद्र बामणे (उम्र 23) को गिरफ्तार किया है. पुलिस को खबरी द्वारा इस गैंग की जानकारी मिली थी. पुलिस ने जाल बिछाकर इन सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया और आरोपियों के पास दो लैपटॉप, 12 मोबाइल, 2 सोने की अंगूठी, एक सोने की चैन, एक प्लसर बाइक, एक स्कॉडा कार, दो नकली नंबरप्लेट, एक कुकरी, एक रामपुरी चाकू, लाल मिर्ची पाऊडर का पैकिट ऐसे कुल मिलाकर 15 लाख 35 हजार रुपए का माल जब्त किया है. आरोपियों ने अबतक 14 से ज्यादा लोगों को लिफ्ट देने के बहाने लूटा है.
क्राइम ब्रांच युनिट 3 के पुलिस इंस्पेक्टर सीताराम मोरे ने बताया कि दो आरोपियों की जेल में ही दोस्ती हो गई थी, जिसमें से एक आरोपी ने अपने भाई की पहचान दूसरे आरोपी के भाई से कराई और इस गैंग ने मिलकर साथ में क्राइम करने का प्लान बनाया. यह आरोपी घरों में चोरी करने का प्लान बना रहे थे. लेकिन स्कॉडा कार में चाबी लगी देखकर इन आरोपियों ने यह कार चोरी कर ली और इस कार का नंबर प्लेट बदलकर, कार में आर्मी लिखवाया. इन आरोपियों का पता था कि आर्मी लिखी गाड़ी को पुलिस चेक नहीं करती और नागरिक भी आर्मी लिखी गाड़ी में बैठने में सुरक्षित महसूस करते हैं. राहगीरों को लिफ्ट देने के बहाने यह सभी आरोपी चाकू की धाक दिखाकर लोगों को लूटते और उनके एटीएम कार्ड से जबरन पैसे भी निकालते थे. एक शिकायतकर्ता के अनुसार तो एटीएम का पासवर्ड नहीं बताने पर आरोपी जान से मारने के लिए भी उतारु हो गए थे, लेकिन शिकायतकर्ता किसी तरह इनके चंगुल से भाग खड़ा हुआ था. इसी तरह एक बुजुर्ग को भी इन आरोपियों ने शिकार बनाया था, लिफ्ट देने के बहाने उसके 70 हजार रुपए लूट लिए थे, इस घटना से बुजुर्ग की तबीयत बिगड़ गई थी, उसके बावजूद इन आरोपियों ने बुजुर्ग को लूटे बिना छोड़ा नहीं था, लूटने के बाद यह हर राहगीर को सुनसान जगह पर छोड़ देते थे. पिछले कुछ दिनों से पुणे में यह वारदात बढ़ी थी, पुलिस इस गैंग की काफी दिनों से तलाश कर रही थी. आरोपियों को 16 दिसंबर तक पुलिस कस्टडी के आदेश कोर्ट ने दिए हैं.