पुणे – पुणे में दो समुदाय के बीच झड़प होने की घटना घटी, इस घटना से परिसर में तनावपूर्ण माहौल पैदा हो गया था. यह झड़प किस वजह से हुई इस बात का खुलासा अब तक नहीं हुआ है. इस मामले की जांच की जा रही है. इस घटना में 40 से ज्यादा गाड़ियों की तोड़फोड़ की गई. आज सुबह दंगे जैसी स्थिती निर्माण होने से काफी तनावपूर्ण वातावरण पैदा हो गई है. पुणे-नगर मार्ग पर सणसवाडी परिसर में कुछ अज्ञात लोगों द्वारा पथराव किया गया और 40 से अधिक गाड़ियों की तोड़फोड की गई. सुबह 11 बजे के करीब यह घटना घटी. जिसकी वजह से कुछ समय के लिए काफी तनाव भरा माहौल था. परिस्थिती को कंट्रोल में करने के लिए सीआरएफ की तुकडी भेजी गई है. फिलहाल स्थिती कंट्रोल में है फिर भी परिसर में तनावभरा माहौल देखा जा सकता है. वढू बुद्रुक में दो समुदाय में वाद विवाद हुआ और उसके बाद पथराव की घटना घटी.
तनावपूर्ण माहौल पैदा होने की वजह से कोरेगांव वढू, सणसवाडी, शिक्रापुर, पेरणे महामार्ग के गांवों को बंद रखा गया है. वहां पास में ही भीमा कोरेगांव में दलित संगठनों द्वारा शौर्य दिन कार्यक्रम मनाया जा रहा है, इस कार्यक्रम का इस घटना से किसी तरह का लेना देना तो नहीं इस बात की जांच की जा रही है. आज सुबह 11 बजे के करीब यह पथराव की घटना घटी है, कुछ गाड़ियों की तोड़फोड़ की जाने की भी जानकारी सामने आ रही है. पथराव और दंगा किसी वजह से भड़का इसकी सही जानकारी अब तक ज्ञात नहीं हो पायी है. पुलिस ने भीड़ को कंट्रोल में करने के लिए लाठीचार्ज भी किया था.
देशभर के दलित समाजों का प्रेरणास्थान पुणे के पास भीमा कोरेगांव में आज शौर्य दिन मनाया जा रहा है. आज इस घटना को 200 साल पूरे हो गए हैं. बड़े पैमाने पर वहां यह कार्यक्रम मनाया जा रहा है. हजारों की संख्या में वहां नागरिक उपस्थित हैं. 1 जनवरी 1818 को पेशवों के खिलाफ 500 महार बटालियन सैनिकों द्वारा युद्ध किया गया था, जिनमें शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धाजंली अर्पित करने के लिए काफी भारी संख्या में इस कार्यक्रम में लोग उपस्थित हुए थे. पेशवा और ब्रिटिशों के बीच उस समय भीमा कोरेगांव में घमासान युद्ध हुआ था. 500 महार बटालियन के सैनिकों ने इस युद्ध में पेशवाओं को हराने के लिए अंग्रेजों का साथ दिया था. इस युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की याद में एक अंग्रेज ने यहां एक विजय स्तंभ निर्माण करवाया था, तब से यहां हर साल सैनिकों का अभिवादन करने के लिए भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जाता है. राज्यभर से भीम सैनिक भीमा कोरेगांव में कार्यक्रम के लिए आए थे. आज भी विजयस्तंभ को पुष्प अर्पण करने के लिए हजारों दलित भाई वहां पहुंचे थे.