पुणे – स्कूलों सहित ग्रामिण क्षेत्र में शौचालयों का निर्माण, किसानों के खाते में राशि को सिधा जमा करना, सर्जीकल स्ट्राइक करते हुए विरोधी राष्ट्र को सिख देना यह सभी राष्ट्रनीति के उदाहरण है. देश को विकसीत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार के तन, मन,धन अर्पीत करते कर रहे है. हमने धर्म निती में कभी भी राजनीति नही लाई है. दो विपक्षी विचारों के लोगों को एक मंच पर लाना भारतीय जनतंत्र का सौंदर्य है. भारतीय जनतंत्र ब्लैंक एंड व्हाईट नहीं बल्कि इंद्रधनुष का प्रतिक है. ऐसे विचार केन्द्रीय वस्त्रोद्योग और सूचना तथा प्रसारणमंत्री स्मृति इराणी ने रखे.
एमआइटी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट, एमआइटी वर्ल्ड पीस युनिवर्सिटी तथा भारतीय छात्र संसद फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में कोथरूड के एमआइटी कैम्पस में आयोजित आठवे भारतीय छात्र संसद में भारतीय लोकतंत्र के स्पष्ट अभिव्यक्ति विषय के पहले सत्र में वे बोल रही थी.
इस मौके पर अध्यात्मिक गुरू परम पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वति, महात्मा गांधी फाउंडेशन के अध्यक्ष तुषार गांधी, बिहार विधानसभा के अध्यक्ष मोहम्मद हरूण रशीद, मणिपूर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रा. आद्य प्रसाद पांडे, विख्यात समाजवैज्ञानिक आनंदकुमार, एमआइटी विश्वशांति विश्वविद्यालय के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. विश्वनाथ कराड, भारतीय छात्र संसद के संस्थापक व प्रमुख निमंत्रक एवं एमआइटी विश्वशांति विश्वविद्यालय के कार्याध्यक्ष प्रा. राहुल विश्वनाथ कराड, गुजराज भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष डॉ. ऋत्विज पटेल, युवा चेतना संस्था के चेतनकुमार सिंह, विद्यार्थी प्रतिनिधि आकांक्षा सिंह, मंथन राजेंद्र मेहता, हिमांशू शरद पारधी के साथ अन्य मान्यवर उपस्थित थे.
इस समय उत्तरप्रदेश मेरठ के विधायक डॉ. सोमेन्द्र तोमर, असम के गोलाघाट के कांग्रेस विधायक रोजेलिना तिर्की, दौंडे के विधायक एड. राहुल कुल को आदर्श युवा विधायक पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
इस छात्र संसद का आयोजन केंन्द्रीय क्रिडा एवं युवा कल्याण मंत्रालय, महाराष्ट्र के उच्च तथा तकनीकी शिक्षा मंत्रालय, क्रिडा व युवा कल्याण मंत्रालय तथा मानवाधिकार, लोकशाही, शांतता और सहिष्णूता के लिए युनेस्को अध्यासन के समर्थन से हो रही है . नेशनल टीचर्स कांग्रेस फाउंडेशन, नेशनल वूमन्स पार्लमेंट और टाटा इन्स्टीट्यूट ऑफ सोशल साइन्सेस (टीआइएसएस) के सहयोग से आयोजित इस संसद को कई राष्ट्रीय संस्थाओं का समर्थन मिला है.
स्मृति इराणी ेने कहा, भारतीय जनतंत्र के सशक्तीकरण के लिए सभी को एकत्रीत आना होगा. जनतंत्र के आधार पर ही किसी भी जातिधर्म के, वंचित स्तर के लोगों को राजनिती में आना तथा उंचा पद हासिल करना संभव हो रहा है. राजनीति में महिलाओं का बढता सहभाग खुशी की बात है. गत ६५ वर्षों में भारतीय जनतंत्र का सहीं इस्तेमाल नहीं हुआ है. नागरिकों को आम जरूरती चिजे भी नहीं मिली है. शौचालय जैसे विषय को सार्वजनिक रूप देते हुए नागरिकों में जागरूकता लाने का काम मोदी सरकार ने किया है. भारतीय जनतंत्र आदर्श होने के साथ जनता की सेवा करना उनका लक्ष्य होने के साथ उसे साकार कर रहे है. कई लोग उन्हें ब्लैक एंड व्हाईट रंगो की विभिन्न छटा खोज रहे है. जाती, धर्म, भाषा, संस्कृती और ऐसी कई बातों को भारतीय जनतंत्र इंद्रधनुष्य जैसे सतरंग बने है. राजनीति से राष्ट्रनीति श्रेष्ठ है.
तुषार गांधीने कहा, जनतंत्र ब्लैड एंड व्हाईट हो नही सकती. उसे कई छठा है. जिसके जरिए जनतंत्र सक्षम बनती जा रही है. आम नागरिकों के खिलाफ सरकार अगर फैसला नही लेती है तो उसके खिलाफ आवाज उठाने का अधिकार लोकतंत्र ने आम नागरिकों को दिया है. समाज में फूट डालने का प्रयास राजनेता करते है. लेकिन आज के युवा उसे पहचानते हुए अपना कदम उठाए. हार्दिक पटेल, कन्हैयाकुमार, जिग्नेश मेवानी जैसे कई युवा आज जनतंत्र को मजबूति प्रदान करने का प्रयास कर रहे है. उन्हें राष्ट्रविरोधी का लेबल लगाना गलत है. सडके, शौचालय, पेयजल, जैसी नागरी सुविधा का अभाव आज भी कई शहरों में है. आज नेताओं में विनम्रता का अभाव दिखाई देता है. जनसेवक बनते हुए काम करने पर जनतंत्र को मजबूती मिलेगी.
प्रा. आनंदकुमार ने कहा, राजनीति को धर्म समझते हुए समाज की सेवा करने का अवसर युवाओं को मिला है. वर्तमान में नेतागिरी करनेवाले कई लोग राजनीति की ओर मुड रहे है. चुनाव प्रक्रिया दूषित बनती जा रही है. राष्ट्र निर्माण के प्रेरित होनेवाले युवा और अच्छा मानव निर्माण करने की चुनौती हमारे सामने है. आज जनशक्ति से अधिक धनशक्ति को महत्व मिला है. नेताओं से मतदान तक सभी पैसों के चक्कर में लटके हुए है. टिकट बटवारे के समय धनशक्ति को महत्व दिया है. आपराधिक प्रवृत्ती के लोग इसमें कदम रख रहे है. जिसके चलते जनतंत्र का पवित्र जतन करने की चुनौती आपके सामने है.
महम्मद हरून रशीद ने कहा, नागरिकों के सहभाग से जनतंत्र व्यवस्था मजबूत बनती जा रही है. उसके लिए नागरिक के रूप में जनतंत्र प्रक्रिया में शामिल होना है. राजनीति में करियर के रूप में चुनाव के लिए यह मंच महत्वपूर्ण है. हमारी भावनाओं को जताने का अधिकार जनतंत्र ने दिया है.
च. आद्यप्रकाश पांडे ने कहा, युवाशक्ति के माध्यम से देश के विकास के लिए कुशल नेतृत्व विकसीत हो रहा है. फिलहाल देश को कुशल लिडरशीप मिला है. भारतीय छात्र संसद जैसा मंच मिलने से भविष्य में राजनेता निर्माण होगे.
डॉ. ऋत्विज पटेल, रोहितकुमार सिंह, डॉ. सोमेन्द्र तोमर, रोजेलिना तिर्की, राहुल कुल ने भी अपने विचार रखे. आकांक्षा सिंह, मंथन मेहता, हिमांशू पारधी आदि छात्र प्रतिनिधीयों ने अपने विचार रखे.
प्रा. राहुल विश्वनाथ कराड ने कहा, प्रा. गौतम बापट और नीलम शर्मा ने सूत्रसंचालन किया.