पुणे –
– रविवार पेठ में दिनदहाड़े हुए लूट की वारदात में 6 आरोपी गिरफ्तार
– नेपाल भागने की फिराक में थे आरोपी
– सात दिनों पहले ही की थी सराफा दुकान की रेकी
– 12 घंटे के अंदर ही पुलिस ने किया गिरफ्तार
ज्वेलर्स की दुकान में काम करके अपने आसपास के ज्वेलर्स की दुकान को लूटने का प्लानिंग करने का अपराध जैसे ट्रैंड बनता जा रहा है. रविवार पेठ में एक ज्वेलर्स की दुकान में दिनदहाड़े लूट की वारदात को भी इसी तरह अंजाम दिया गया. सात दिनों तक पायल ज्वेलर्स की दुकान में रेकी करके पूरी तरह से लूट की प्लानिंग की गई थी और सोना लूटने के बाद नेपाल भागने की भी जबरद्सत प्लानिंग करनेवाली गैंग के मनसूबे में पानी तब फिर गया जब पुणे पुलिस ने इस गैंग को वापी में ट्रेन में सफर के दौरान गिरफ्तार किया. 12 घंटे के अंदर इस गैंग को पुणे पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया होता तो यह गैंग नेपाल में लूट के माल से ऐश कर रही होती. वारदातवाले दिन शहर में मुख्यमंत्री के लिए कड़ा पुलिस बंदोबस्त किया गया था, ऐसे में पुलिस बंदोबस्त के दौरान ही इस वारदात को अंजाम देनेवाली गैंग को पकड़ने में पुलिस ने बिल्कुल भी देरी नहीं की.
इस मामले में पुणे पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम ने मिलकर यह कारवाई को अंजाम दिया. जिसमें युनिट 1, युनिट 2, एन्टी डकैती सेल, फिरौती विरोधी दल के अधिकारी और कर्मचारियों ने मिलकर कारवाई की. इस मामले में पुलिस ने मनीष गोविंद स्वार (उम्र 25, निवासी नाना पेठ, मूल निवासी नेपाल), देवेंद्र बहादुर कुंवर (उम्र 27, निवासी कोंढवा, मूल निवासी नेपाल), प्रकाश करण खडका (उम्र 27, निवासी नाना पेठ, मूल निवासी नेपाल), मनोज मंगल बगोटी (उम्र 21, निवासी मुंबई, मूल निवासी नेपाल), गोकुल सागर ओड (उम्र 20, निवासी गंजपेठ) और हंसराज लाले कामी (उम्र 23, निवासी कोंढवा) को गिरफ्तार किया है. इस मामले में भरत बिका और गोकुल खडका दोनों फरार हैं.
कैसे की चोरी की प्लानिंग
मनीष स्वार नामक आरोपी यह नानापेठ स्थित नाकोडा ज्वेलर्स की दुकान में काम करता था, अपने बाकी साथीदारों के साथ मिलकर लूट का प्लान बनाया था. सात दिनों तक पायल गोल्ड दुकान की रेकी की गई थी. आरोपियों को पता था कि दोपहर के समय दुकान में कोई भी नौकर नहीं होता है. इसलिए दोपहर के समय ही पांच लोग दुकान के अंदर तेजधार हथियार लेकर घुसे और दुकान के अंदर के सीसीवीटी फुटेज का कनेक्शन वायर तोड़ा, ताकी यह घटना सीसीटीवी फुटेज में कैद न हो सके. उसके बाद दुकान के अंदर अकेले बैठे मनीष जैन को डरा धमकाकर दुकान का कीमती सामान लेकर फरार हो गए. लूट की वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपियों ने पहले से मुंबई से ट्रेन पकड़कर नेपाल भागने की प्लानिंग कर चुके थे, उनके मनसूबे में तब पानी फिर गया जब पुलिस ने आरोपियों को ट्रेन में ही धर दबोचा.
कैसे पहुंची पुलिस आरोपी तक
इतने कम समय में वापी से आरोपियों को पकड़ना काफी मुश्किल था, लेकिन पुणे पुलिस ने रेल्वे पुलिस और मुंबई पुलिस की मदद से ट्रेन में सफर कर रहे आरोपियों को गिरफ्तार किया. सभी आरोपी देहरादून एक्सप्रेस से सफर कर रहे थे. पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने के लिए हर जगह नाकाबंदी की थी. सीसीटीवी फुटेज के जरिए आरोपियों की पहचान हुई थी और जिसमें से एक आरोपी का परिवार नानापेठ स्थित सोसायटी में रह रहा था, आरोपी ने अपनी पत्नी को फोन करके तुरंत मुंबई आने के लिए कहा था, वहां से नेपाल जाने की बात हुई थी. आरोपी की पत्नी इस बात से बिल्कुल अनजान थी कि अचानक नेपाल क्यों जाना है? पुलिस द्वारा सोसायटी में पूछताछ के दौरान पता चला था कि आरोपी की पत्नी दो बच्चे के साथ नेपाल जाने के लिए मुंबई रवाना हुए हैं. पुलिस ने आरोपी की पत्नी और बच्चों को सानपाडा में ही हिरासत में लेकर पूछताछ की थी. इसी दौरान महिला को उसके पति का अनजान नंबर से नेपाल जाने के लिए कॉल आया था. इस कॉल के जरिए पुलिस बाकी आरोपी तक पहुंच सकी.
आरोपियों ने लूट की वारदात को अंजाम देने के बाद चोरी का माल को आधा आधा हिस्सा करने का तय किया. घटना को अंजाम देने के बाद सभी आरोपी कोंढवा के एक चाइनीज फूड दुकान में गए और वहां पर चोरी का माल आधा आधा बांट लिया था. पुलिस को इस बात की भनक लगते ही पुणे से दो लोगों को हिरासत में लेकर बाकी का चोरी का माल जब्त किया गया. 15 दिन पहले ही ठीक इसी तरह की चोरी की घटना रविवार पेठ में घटी थी. जिसमें चोरों ने सोने के मंगलसूत्र और ब्रेसलेट चोरी करके फरार हो गए थे. इस घटना को भी इन्हीं आरोपियों द्वारा अंजाम दिए जाने की बात पुलिस पूछताछ में सामने आयी है.
यह कारवाई अप्पर पुलिस आयुक्त (क्राइम) प्रदीप देशपांडे, पुलिस उपायुक्त पंकज डहाणे, सहायक पुलिस आयुक्त समीर शेख (क्राइम 1) के मार्गदर्शन में सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर नितीन भोसले पाटिल, सतीश निकम, राजेंद्र कदम, पुलिस सब इंस्पेक्टर हर्षल कदम, दिनेश पाटिल, सहायक पुलिस सब इंस्पेक्टर संजय दलवी, पुलिस कर्मचारी रामदास गोणते, रिजवान जिनेडी, अजय थोरात, विल्सन डिसोजा, दत्तात्रय काटम, सुधीर माने, मोहन येलपले, इरफान मोमीन, मोकाशी, श्रीकांत वाघवले, तुषार खडके, मल्लिकार्जुन स्वामी, सागर तोरडमल, परवेज जमादार, दिनेश गडांकुश, प्रमोद गायकवाड, धनाजी पाटिल ने किया है.