पुणे
अयोध्या का विकास राममंदिर बनने के बाद ही होगा, पिछले काफी सालों से रामजन्मभूमि और बाबरी मस्जिद वाद विवाद के चलते यहां अंतरराष्ट्रीय विकास नहीं हो पाया है। अयोध्या में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है, अयोध्या का विकास करना है तो राममंदिर जल्द से जल्द बनना चाहिए। राममंदिर बनने से अंतरराष्ट्रीय स्तर की सारी सुविधाएं उपलब्ध होगी। ऐसे विचार निर्मोही आखाड़ा, अयोध्या के महंत रामदास ने व्यक्त किए। साथ ही उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध करूंगा कि राममंदिर बनवाने के लिए सभी को एकजुट लाए और 68 एकड़ जमीन उपलब्ध कराए।
एमआईटी विश्वविद्यालय के संत ज्ञानेश्वर सभागृह में आयोजित पत्रकार परिषद में वे बोल रहे थे। अयोध्या स्थित रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद जल्द से जल्द सुलझाने हेतु सुप्रीम कोर्ट ने इस मसले में आपसी चर्चा करके सर्वसहमति से समझौता करने की सलाह दी है, इससे ही संबंधित पत्रकार परिषद आज एमआईटी विश्वविद्यालय में आयोजित की गई थी।
साथ ही उन्होंने कहा कि अयोध्या से पूरे विश्व को यह संदेश जाएगा कि राम मंदिर बनने के बाद भारत फिर से सोने की चिड़िया कहलाएगी। भगवान का विशालकाय मंदिर बनाने के लिए 68 एकड़ जमीन उपलब्ध कराए, जिसमें मंदिर के साथ साथ गोशाला, स्कूल-कॉलेज, हॉस्पिटल, संत निवास जन हित के लिए उपयोगी मूलभूत सुविधा बनाने के लिए भूमि उपलब्ध कराए। विश्व में अद्भुत राममंदिर का निर्माण करना अकेले की बस की बात नहीं है, इसके लिए हिंदू मुस्लिमों को एकसाथ आकर इस पर चर्चा करनी होगी।
एमआईटी के संस्थापक विश्वनाथ कराड ने कहा कि यह मुद्दा किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़ा हुआ नहीं है, यह मुद्दा देश के हित के लिए है। सभी धर्म के लोग इस मसले में शामिल होकर चर्चा करके समझौता करके इस विषय पर जल्द से जल्द सुलह करके राम मंदिर के निर्माण कार्य