MAH: मुक्त यह भाषा राजनीति में चलती, संघ में नहीं – मोहन भागवत

April 2nd, 2018 Posted In: Pune Express

Team TNV

PUNE 
 
कांग्रेस और संघ मुक्त भारत ऐसे नारेबाजी सुनने को मिलती है, उससे अच्छा भारत को किस तरह से एकजुट रखा जाए, इसके लिए कोशिश करना चाहिए। ऐसे विचार संदीप वासलेकर ने पुणे के ज्ञानेश्वर मुले के पुस्तक विमोचन कार्यक्रम के दौरान व्यक्त की। इस कार्यक्रम में सरसंघचालक मोहन भागवत भी उपस्थित थे। वासलेकर के भाषण को सहमति देते हुए उन्होंने कहा कि देश निर्माण के लिए के लिए दिशा में सभी ने कोशिश करनी चाहिए, मुक्त यह भाषा सिर्फ राजनीति में चलती है, संघ में यह भाषा नहीं चलती। भागवत ने आगे कहा कि हमें समाज को आगे बढ़ाने के लिए सभी को एकसाथ लाना है। 
 
महाराष्ट्र साहित्य काल विद्यालय सभा द्वारा और नवभारत संकल्प-सिद्धि अभियान के संयुक्त रूप से आयोजित किए गए विदेश मामलों के मंत्रालय के सचिव डॉ. ज्ञानेश्वर मुले लिखित व अनुवादित मिट्टी, पंख, आसमान, पासपोर्ट मैन ऑफ इंडिया, शांति की अफवाएं, होतच नाही सकाळ, ज्ञानेश्वर मुले की कविताएं का प्रातिनिधिक संकलन इन पुस्तकों को प्रकाशित मोहन भागवत द्वारा किया गया। इस दौरान वे बोल रहे थे।अंतर्राष्ट्रीय नीति विश्लेषक और सामरिक फोरक्क्वायर समूह के अध्यक्ष डॉ. संदीप वासलेकर उपस्थित थे।
 
इस समय सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि हर किसी को अपनी राह खुद तय करनी होती, राह में बहुत से लोग मिलते हैं, फिर भी खुद को अकेला समझना यह नकारात्मक सोच है। हम सभी एक है, ऐसा सकारात्मक सोचकर सभी को एकजुट रहने की अपील इस समय की गई। 
 
इस समय ज्ञानेश्वर मुले ने कहा कि राजदूत से ज्यादा जनदूत होने का काम किया है। जिस देश में गया, वहां भारत के लिए एक अलग भावना वहां के लोगों में देखी है।  असली भारत क्या है, यह दिखाने का काम मैंने किया है। 

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The author is a senior Journalist working in Goa for last one and half decade with the experience of covering wide-scale issues ranging from entertainment to politics and defense.

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