विदेशी सैलानी ने भी बच्चों से सीखें गणेश मूर्ति बनाने के गुर

August 24th, 2017 Posted In: Pune Express

Team TNV

गुणवंती परस्ते

पुणे – महाराष्ट्र का गणेशोत्सव देश में ही नहीं तो पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. गणेशोत्सव एक ऐसा त्यौहार है, जिसे मनाने के लिए देश और विश्व के कोने कोने से लोग आते हैं. पुणे में गणेशोत्सव के अवसर कुछ बच्चों ने गणपति की मूर्ति बनाई थी, जिसे देखकर विदेशी सैलानी भी भाव विभोर हो गए और बच्चों के साथ गणपति की मूर्ति के साथ काफी फोटो खिंचवाए. कनाडा और नीदरलैंड से भारत आए विदेशी सैलानी ने बच्चों से गणेश मूर्ति बनाने के गुण भी सीखे और गणेश श्लोक भी दोहराए.

नीदरलैंड के टिम ने कहा कि पिछले एक महीने से हम भारत में योग और ध्यान सीखने आए हैं. लोनावला में ध्यान का प्रशिक्षण ले रहे हैं. यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि हम इस वर्ष गणेशोत्सव के अवसर पर भारत में मौजूद हैं. हमने हमेशा गणेशोत्सव के बारे में सुना था और गणेशोत्सव की झलक टीवी पर ही देखी थी. इस वर्ष हमें भारत में गणपति बाप्पा के दर्शन करने को मिलेंगे. भारत के हर कोने कोने में विभिन्न कल्चर देखने मिलता है. गणेशोत्सव के दौरान पुणे के ढोल ताशा पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं, इस बार इन ढोल ताशों पर थिरकने का मौका मुझे भी मिलेगा. टिम ने साथ ही गणेशजी के बारे में बताया कि गणेशजी भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र हैं. माता पार्वती जब अपने महल में स्नान कर रही तो गणेश जी महल की पहरेदारी कर रहे थे और ऐसे में शिव भगवान महल में अंदर प्रवेश करने चाहते थे, लेकिन गणेश जी ने उनको महल के अंदर प्रवेश नहीं करने दिया. शिव और गणेश का विवाद ने युद्ध का रूप ले लिया था. इस युद्ध में शिव भगवान ने अपने त्रिशूल से गणेश जी सिर काट दिया था. इस बात से पार्वती जी काफी क्रोधित हो गई थी, माता पार्वती का क्रोध शांत करने के लिए शिव भगवान ने गणेशजी को जीवन प्रदान करके हाथी का मुख लगाया था.

कनाडा से भारत आयी पॉल ने कहा कि मुझे काफी मजा आया बच्चों को गणेश की मूर्ति बनाते देखकर, इन छोटी छोटी हथेलियों में कितनी कारगिरी है. इन गणेश की मूर्तियों से बच्चों के अंदर गणपति बाप्पा को लेकर श्रद्धा देखने को मिलती है. गणेश श्लोक और स्तुति बच्चों से सुनने को मिला. छोटे बच्चों ने मेरे मन को जीत लिया. मुझे काफी खुशी है कि मैं पुणे के सबसे प्रसिद्ध गणपति श्रीमंत दगडूशेठ हलवाई गणपति के दर्शन करने का मौका मिलेगा और लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक द्वारा सार्वजनिक गणपति की शुरूवात की गई. जिसकी झलक देखने को मिलेगा. जो परंपरा उन्होंने शुरू की थी, आज भी यह परंपरा और त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. हम एक साल और भारत में रहने की इच्छा रखते हैं, ताकि हम गणेशोत्सव के बारे ज्यादा अध्ययन कर सके. गणेशोत्सव का इतिहास जान सके और बरसों से चली आ रही इस परंपरा को और करीब से जान सके.

बच्चों के साथ टिम और पॉल ने गणेश मूर्ति के साथ काफी फोटो खिंचवाए और गणपती बाप्पा मोरया बोलकर बच्चों के साथ काफी अच्छा समय बिताया.

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The author is a senior Journalist working in Goa for last one and half decade with the experience of covering wide-scale issues ranging from entertainment to politics and defense.

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