अहमदनगर – मरने के बाद इंसान को श्मशान भूमि में अंतिमसंस्कार के लिए ले जाया जाता है. महाराष्ट्र के अहमदनगर में एक बेटे ने अपनी मां को जीते जीते श्मशान भूमि में बेसहारा छोड़ दिया है. पिछले 6 महीने से एक बूढ़ी मां श्मशान भूमि में रहने के लिए मजबूर है. मां के साथ पत्नी का रोज -रोज का झगड़ा और आर्थिक स्थिती से परेशान होकर एक गोद लिए बेटे ने अपनी वृद्ध मां को श्मशान भूमि में ला छोड़ा है.
अहमदनगर के अमरधाम श्मशानभूमि में पिछले 6 महीने से लक्ष्मीबाई आहुजा रह रही है. अंतिमसंस्कार के दौरान लोगों को द्वारा श्मशानभूमि में जो खाना छोड़ा जाता है, उसी खाने को खाकर अपना गुजारा कर रही है. सुनील आहुजा लक्ष्मीबाई आहुजा का गोद लिया हुआ बेटा है. सुनील जब दो महीने का तब लक्ष्मीबाई और उसके पति चंद्रकांत आहुजा ने उसे गोद लिया था. सुनील आहुजा अहमदनगर के शिवाजीनगर परिसर में रहता है. सुनील की शादी के बाद पति के निधन के बाद घर की परिस्थिती बदल गई. लक्ष्मीबाई की बहू हमेशा उनको ताना देती थी और उनसे झगड़ा किया करती थी. जिससे तंग आकर सुनील ने अपनी मां को श्मशान भूमि में छोड़ दिया.
श्मशान भूमि में साफ सफाई का काम करनेवाली महिला कर्मचारियों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार लक्ष्मी बाई पिछले 6 महीनों से श्मशान भूमि में रह रही हैं और अंतिमसंस्कार में लोगों द्वारा दिए गए भोजन से अपना गुजारा कर रही हैं. उनकी देखरेख और पूछताछ करनेवाला कोई नहीं है. वहां यहां श्मशान भूमि में अकेली और बेसहारा पड़ी रहती है. उनकी यह हालत देखकर सभी को दया आती है. लोग उनको जल्द ही किसी वृद्धाश्रम में शिफ्ट करने का विचार कर रहे हैं.