पुणे-
एमआईटी कला, डिजाइन और टेक्नॉलॉजी विश्वविद्यालय, राजबाग, लोणी कालभोर के एमआईटी स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग और भारतीय मशीन टूल्स और मैन्युफैक्चरर्स असोसिएशन (आईएमटीएमए) के बीच गुरुवार (ता. 22) को शिक्षा समझौता करार किया गया. इस समय एमआईटी एडीटी विश्वविद्यालय कार्यकारी अध्यक्ष प्रा. डॉ. मंगेश. तु. कराड, बैंगलोर की भारतीय मशीन टूल्स और मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के वरिष्ठ निदेशक एम. कृष्णमूर्ति, सहायक निदेशक प्रसाद पेंडसे, आईएमटीएमए के पुणे प्रमुख अविनाश खरे, विश्वविद्यालय के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख प्रा. डॉ. सुदर्शन सानप और प्रा. सूरज भोयर आदि मौजूद थे.
औद्योगिक क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश किया जा रहा है. आधारभूत संरचना का निर्माण किया जा रहा है. इस क्षेत्र के लिए व्यावसायिक छात्रों की आवश्यकता है. हालांकि, इसकाअभाव है. इस को पुरा करने और गुवणत्ताधारक छात्रो के साथ देश को आगे बढाने के यह समझौता हुआ है, ऐसा इंडियन मशीन टूल्स एंड मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन वरिष्ठ निदेशक एम. कृष्णमूर्ति ने कहा.
एमआईटी एडीटी विश्वविद्यालय के कार्यकारी अध्यक्ष प्रा. डॉ. मंगेश. तु. कराड ने कहा कि एमआईटी एडीटी विश्वविद्यालय के जरिए भारत निर्माण का काम किया जा रहा है. औद्योगिक क्षेत्र की सभी आवश्यकताओं को पूरा करने का काम इस विश्वविद्यालय के माध्यम से किया जा रहा है. इस विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग के विभिन्न पाठ्यक्रमों के माध्यम से एक गुणात्मक छात्र बनाने का प्रयास हमार है. आईएमटीएमए और एमआईटी स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के बीच हुए इस समझौते से बड़े पैमाने पर औद्योगिक क्षेत्र से लाभ होगा.