गुणवंती परस्ते
पुणे – पुणे के दौंड परिसर में सट्टा के पैसों को लेकर हुए विवाद के चलते दिनदहाड़े तीन लोगों पर फायरिंग करने की घटना घटी. इस घटना में तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई. इस वारदात को अंजाम देनेवाला कोई क्रिमिनल नहीं ब्लकि एसआरपीएफ का जवान है. यह घटना मंगलवार की दोपहर 1.30 बजे के करीब घटी. दौंड परिसर में दिन दहाड़े अंधाधुंध गोलियां चलाने की वजह से लोगों में भय का माहौल देखा गया है.
पुलिस द्वारा प्राप्त जानकारी अनुसार एसआरपीएफ के जवान संजय शिंदे ने अपने तीनों दोस्तों पर गोलियां चलायी है. इस घटना के बाद संजय शिंदे ने अपने आप को घर में कैद कर लिया है और पुलिस संजय शिंदे से बार बार खुद को आत्मसमर्पण करने की अपील कर रही है. संजय शिंदे अब तक गिरफ्तार नहीं हुआ है. पुलिस ने संजय शिंदे के घर को घेर लिया है. पुलिस किसी भी तरह से संजय शिंदे को सरेंडर करने की कोशिश कर रही है.
इस घटना में गोपाल शिंदे, प्रशांत पवार और अनिल विलास जाधव की मौत हो गई है. आरोपी और मरनेवालों के बीच पैसों के व्यवहार को लेकर वाद विवाद था, आरोपी ने तीनों से उधार पैसे लिए हुए थे, तीनों संजय शिंदे को उनके पैसे वापस करने के लिए दबाव बना रहे थे. जिससे संजय शिंदे काफी प्रेशर में था. इन तीनों के बार बार पैसें मांगने की वजह गुस्से में आकर तीनों को जान से मारने की ठान ली. संजय शिदे शस्त्र विभाग में कार्यरत था, उसने शस्त्र विभाग से ही रिवाल्वर ली और उसमें गोलियां भरी. उसके बाद वह गुस्से से दौंड के नगर मोरी चौक में गोपाल शिंदे और प्रशांत पवार को गोलियां मारी. उसके बाद वह अनिल जाधव के घर में घुसकर गोलियां मारी. वहां से फरार होकर संजय शिंदे अपने घर में भाग गया. यह घटना में संजय शिंदे द्वारा अंधाधुंध फायरिंग करने की वजह से परिसर में काफी सनसनी फैल गई है. लोगों में दहशत का माहौल है.