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सत्ताधारी भाजपा विशेष रूप से भोसरी के विधायक महेश लांडगे के लिए महत्वाकांक्षी माने जा रही वेस्ट टू एनर्जी परियोजना पर से शिवसेना और भाजपा में फिर एक बार ठन गई है। शिवसेना के सांसद शिवाजी आढलराव पाटिल ने इस परियोजना का विरोध जताते हुए इसके सफल होने को लेकर सन्देह जताया है। इस पर आनन फानन में सोमवार को विधायक महेश लांडगे ने पिम्परी चिंचवड़ मनपा के आयुक्तालय में ब्यौरा बैठक ली। इसके बाद संवाददाताओं से की गई बातचीत में उन्होंने परियोजना की विफलता के प्रमाण देने की चुनौती दी है। साथ ही शिवसेना शासित मुंबई मनपा में यही परियोजना यही कंपनी द्वारा सफल रूप से चलाई जा रही है, इसकी ओर ध्यानाकर्षित किया।
हालिया मोशी स्थित मनपा के कचरा डिपो में लगी भीषण आग की घटना का दाखिला देते हुए विधायक लांडगे ने कहा कि, शहर में कचरे की समस्या उग्र हो रही है। नियोजित ‘वेस्ट टू एनर्जी’ परियोजना से यह समस्या हल होने में काफी मदद मिलेगी। नागरी स्वास्थ्य व पर्यावरण की दृष्टि से यह परियोजना की अमलबाजी होनी जरूरी है। कचरा डिपो में आग लगने की घटना 6 साल बाद घटी है। इसकी रोकथाम हेतु प्रशासन को ठोस कदम उठाने चाहिए, ऐसे आदेश प्रशासन को दिए गए हैं। इस बैठक में मनपा आयुक्त श्रावण हर्डीकर, प्रभारी अतिरिक्त आयुक्त प्रवीण अष्टीकर, शहर सुधार समिति के सभापति सागर गवळी, क्रीडा समिति के सभापति लक्ष्मण सस्ते, नगरसेवक अॅड. नितीन लांडगे, नगरसेविका सुवर्णा बुर्डे, सह शहर अभियंता अयुबखान पठाण, पर्यावरण विभाग के कार्यकारी अभियंता संजय कुलकर्णी, अग्निशामक अधिकारी किरण गावडे, स्वास्थ्य अधिकारी मनोज लोणकर आदि उपस्थित थे।
हाल ही में शिवसेना के सांसद शिवाजी आढलराव पाटिल ने कचरा डिपो का मुआयना किया था, तब उन्होंने ‘वेस्ट टू एनर्जी’ परियोजना पर ऐतराज जताते हुए इसकी सफलता को लेकर सन्देह जताया था। इस पर विधायक लांडगे ने मुंबई मनपा में यही परियोजना उसी कंपनी द्वारा चलाई जा रही है, इसकी ओर ध्यानाकर्षित करते हुए शहर विकास व हित की परियोजनाओं में सियासत न लाने की सलाह अपने विरोधियों को दी है। कौन क्या आरोप लगा रहा है, मुझे इस पचड़े में नहीं पड़ना है, मगर यदि मुझसे पूर्व के जनप्रतिनिधियों ने शहर व भोसरी विधानसभा क्षेत्र के विकास की ओर ध्यान नहीं दिया तो क्या मैंने भी नहीं ध्यान देना चाहिए? यह सवाल भी उन्होंने उठाया। पिंपरी-चिंचवड शहर से रोजाना 800 से 850 टन कचरा निर्माण होता है, ‘वेस्ट टू एनर्जी परियोजना से 600 टन कचरे का निपटारा सम्भव है। अन्य कचरे पर भी प्रक्रिया कर उसका निपटारा किया जायेगा, यह भी उन्होंने बताया।