गुणंवती परस्ते
पुणे – पुणे में दिल दहला देनेवाली घटना घटी, अपने माता पिता की हत्या करने के बाद बेटा शांत बिस्तर में जाकर सो गया. इस घटना से परिसर के लोगों के रोंगटे खड़े हो गए. माता-पिता को बेटे ने बहुत ही दर्दनाक और बेरहमी के साथ मारा. पिता का चाकू से गला चीरकर और बीच बचाव करनेवाली मां का रस्सी से गला दबाकर हत्या कर दी. ताजुब की बात है कि दूसरे कमरे आरोपी का जुड़वा भाई अपनी पत्नी और बेटी के साथ चैन की नींद सो रहे थे. उन्हें इस घटना का जरा भी अंदाजा नहीं हुआ, सुबह उठने के बाद घर में खून-खून दिखने के बाद इस घटना का खुलासा हुआ.
पुलिस द्वारा दी गई जानकारी अनुसार इस घटना में प्रकाश क्षीरसागर (उम्र 60) और आशा क्षीरसागर (उम्र 55) की उनके ही बेटे ने हत्या कर दी. इस मामले में पुलिस ने पराग क्षीरसागर को गिरफ्तार किया है. प्रकाश और आशा क्षीरसागर के दो बेटें हैं, जो जुड़वा है. पराग और प्रतीक उनके जुड़वा बच्चे हैं. पराग का उसके माता पिता के साथ रोज ही झगड़ा हुआ करता था. पराग एक इंजीनियर है, पर वो फिलहाल कहीं भी जॉब नहीं कर रहा था. पराग को शराब की काफी लत थी, वो रोज शराब पीकर आता था और घर पर नशे की हालत में रोज घरवालों से झगड़ा किया करता था. पराग का दूसरा भाई प्रतीक की शादीशुदा है और उसकी एक डेढ़ साल की बेटी है. प्रतीक के माता पिता के साथ अच्छे संबंध थे, पर पराग का हमेशा झगड़ा हुआ करता था. पराग की शादी भी नहीं हो रही थी और वो जॉब भी नहीं करता था, दिन भर बेकार घूमता रहता था, उसके बेकार घूमने और जॉब नहीं करने की वजह से माता पिता के साथ उसका हमेशा झगड़ा हुआ करता था.
पराग उच्चशिक्षित और अच्छी फैमिली से था, लेकिन गलत संगत की वजह से नशे का आदी हो चुका था. नशे में वो सोसायटी के लोगों से भी कभी भी झगड़ा किया करता था. जिसकी वजह से सोसायटी के लिए हमेशा इस फैमिली को अपने से दरकिनार ही बनाए रखते थे, उनके घर में सोसायटी के किसी का भी आना जाना नहीं होता था. पराग दुबई और बाकी देशों में भी नौकरी करके वापस भारत लौटा था. उसके खराब बर्ताव की वजह से हमेशा उसे नौकरी से निकाल दिया जाता था. 6 महीने से वो घर पर बेकार बैठा हुआ था, पैसों को लेकर बाप बेटे में हमेशा झगड़ा हुआ करता था, पिता हमेशा पराग को नौकरी करने और कमाने के लिए कहते थे, बाप और बेटे के झगड़े में मां हमेशा बीच बचाव किया करती थी. घटना वाले दिन भी पराग का माता पिता के साथ काफी झगड़ा हुआ था. यह झगड़ा हमेशा होता है, ऐसा सोचकर दूसरा बेटा अपनी पत्नी और बच्ची के साथ दरवाजा लगाकर सो रहे थे. पराग इतने गुस्सा में था कि उसने अपने पिता का चाकू से गला चीर डाला और बीच बचाव करनेवाली मां का रस्सी से गला घोंटकर मार दिया. दोनों की हत्या करने के बाद खून से सने हाथों को लेकर बिस्तर पर आराम से जाकर सो गया.
सोसायटी में रहनेवाले नागरिकों ने बताया कि पराग का उसके माता पिता के साथ हमेशा झगड़ा हुआ करता था, वो बहुत ही चिड़चिड़ा स्वभाव का था. दिन भर नशे में ही धुत रहता था और काम पर भी नहीं जाता था. सोसायटी में आय दिन उनके झगड़े की आवाज आती थी. मृतकों की बहू जब सुबह सोकर उठी तो उसने फर्श पर खून ही खून देखा, उसने तुरंत पति और पड़ोसी को जाकर इस बात की जानकारी दी. पड़ोसी ने तुरंत पुलिस को इस बात की जानकारी दी. घटना स्थल पर जाकर पुलिस ने घटना का मुआयना किया. बहुत ही दिल दहला देनेवाली यह घटना थी. हत्या करने के बाद आरोपी बेटा चुपचाप जगह पर ही बैठा रहा. वो कुछ भी बोलने और कहने की अवस्था में नहीं था. छोटी बच्ची के ऊपर इस बात का गलत असर न हो इसलिए पड़ोसियों ने अपने घर पर बच्ची को कुछ समय के लिए रख लिया था. माता पिता के साथ का वाद विवाद हत्या तक पहुंच जाएगा, ऐसा किसी ने भी नहीं सोचा था.
पुलिस ने बताया कि घटना की रात को पराग इस बात से भी खफा था कि घर में करेले की सब्जी बनी है, उसके मनपंसद की सब्जी कभी नहीं बनायी जाती है, पिता को लेकर मन में काफी क्रोध था. पराग को उसके भाई प्रतीक ने उसी दिन बाहर खाना खिलाया था, क्योंकि पराग करेले की सब्जी खाने से इंकार कर रहा था. होटल से खाना खाने के बाद दोनों भाई घर आए, तब माता पिता का वाद विवाद हुआ था और पराग ने अपने हाथों पर चाकू से वार भी किए थे. प्रतीक ने पराग को हॉस्पिटल ले जाकर इलाज भी करवाया और घर पर सुलाया था. हॉस्पिटल से घर आने के बाद प्रतीक अपने रुम पर सोने चला गया और इसी बीच पराग और माता पिता का झगड़ा हुआ, झगड़ा को शांत करने के लिए पराग की मां ने पराग को दूसरे कमरे में जाने के लिए कहा और पति को दूसरे कमरे में लेकर गई. लेकिन पराग का गुस्सा शांत होने के नाम नहीं ले रहा था. जिस रुम में माता पिता था उस रूम में जाकर पराग ने अपने पिता और माता दोनों की हत्या कर दी. दोनों की बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए हॉस्पिटल भेज दिया गया.
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